पूर्णायु आयुर्वेद चिकित्सालय एवं अनुसंधान विद्यापीठ, दयोदयतीर्थ, तिलवाराघाट, जबलपुर की नींव आचार्यश्री 108 विद्यासागर महाराज जी ने ‘‘पूर्णायु’’ के नाम से रखी है, जिसका अर्थ ‘‘स्वस्थ रहते हुए पूर्ण जीवन जीना’’ है। यह एक नया आगामी आयुर्वेद स्वास्थ्य विज्ञान महाविद्यालय है जिसका उद्देश्य छात्राओं को शिक्षित करना और आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान करना है। अपने संकाय के माध्यम से यह संस्थान उत्कृष्टता, छात्रवृत्ति और उच्चतम चिकित्सार्थ के वातावरण में अपने समुदाय को सेवाऐं प्रदान करेगा।
विगत वर्षों से आयुर्वेद चिकित्सालय एवं आयुर्वेदिक फार्मेसी का कार्य शुरु किया जा चुका है। इसकी स्थापना के समय से संस्थान ने प्रमुख चिकित्सा संस्थानों के साथ-साथ दुनिया भर के विशेषज्ञों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। पूर्णायु आयुर्वेद चिकित्सालय एवं अनुसंधान विद्यापीठ के मिशन के लिए अपने छात्र और संकाय की समृद्ध विविधता आवश्यक है, जिससे इक्कीसवीं सदी की बहुसांस्कृतिक दुनिया के लिए प्राचीन आयुर्वेदिक पद्धति के ‘‘उत्कृष्ट आयुर्वेद स्वास्थ्य चिकित्सकों’’ को तैयार किया जा सके।