अध्यक्ष का संदेश
परम पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद से संचालित श्री दिगंबर जैन संरक्षिणी सभा द्वारा पूर्णायु आयुर्वेद चिकित्सालय एवं अनुसंधान विद्यापीठ, सामाजिक स्वास्थ्य के लिए चिकित्सा क्षेत्र में छात्रों के समग्र विकास के लिए हमेशा प्रयास करता है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए, यह न केवल शिक्षा की गुणवत्ता पर बल्कि नैतिक और मानवीय मूल्यों को विकसित करने पर भी जोर देता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए पूर्णायु आयुर्वेद चिकित्सालय एवं अनुसंधान विद्यापीठ की स्थापना की गई है। महाविद्यालय परिसर 3 एकड़ भूमि में फैला हुआ है जो पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त है। यह अत्यधिक आधुनिक सुविधाओं के साथ 100 बिस्तरों वाला अस्पताल प्रदान करता है। हमारे पास प्रत्येक मेडिकल छात्र के समग्र ज्ञान विकास के लिए अत्यधिक योग्य और पूरी तरह से समर्पित प्राध्यापक, सह-प्राध्यापक एवं सहयोगी प्राध्यापक हैं।
Chaiman's message
Poornayu Ayurved Chikitsalaya and Anusandhan Vidyapeeth, run by Shri Digambar Jain Sanrakshini Sabha with the blessings of Param Pujya Acharya Shri 108 Vidyasagar Ji Maharaj, always strives for the holistic development of students in the medical field for social health. To fulfill this objective, it lays emphasis not only on the quality of education but also on inculcating moral and human values. Keeping this objective in mind, Poornayu Ayurveda Chikitsalaya and Anusandhan Vidyapeeth has been established. The college campus is spread over 3 acres of land which is completely pollution free. It offers 100 bedded hospital with highly modern facilities. We have highly qualified and fully dedicated Professors, Associate Professors and Assistant Professors for holistic knowledge development of every medical student.